Rumored Buzz on Shiv chaisa
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
अंग more info गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
O Lord! I beseech Your enable and search for your divine blessing at this extremely second. Preserve and secure me. Demolish my enemies with all your Trishul. Launch me with the more info torture of evil feelings.
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥